जब गड्ढों से गुजरते हुए चिकनी सड़क की खबरें पढ़ रहे हों तो समझ जाना...
"हाय, मैं नरेंद्र मोदी हूं और मैं देश का पीएम हूं। जब आप मेरे नमो एप में साइन अप करते हैं तो मैं आपका सारा डाटा अपने अमेरिकी कंपनियों के दोस्तों को दे देता हूं...।" "हाय मेरा नाम राहुल गांधी है और मैं देश की सबसे पुरानी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। जब आप हमारे आधिकारिक एप पर साइन अप करते हैं तो मैं आपकी सारी जानकारी सिंगापुर में अपने दोस्तों को दे देता हूं...।" दरअसल, यह दोनों ही ट्वीट आरोप कम, सच्चाई अधिक हैं। इन चार वर्षों में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, किसी ने ठीक से अपना काम नहीं किया है। सत्ता पक्ष अपने वादे पूरे करने में नाकाम है तो विपक्ष उसकी मनमानियां रोकने में नाकाम रहा है। अब दोनों को पुन: सत्ता की लालसा है। ऐसे में, षड्यंत्र ही एकमात्र सहारा है। यह सब करने के लिए एक तरफ आवारा पूंजी का सहारा लिया जा रहा है तो दूसरी तरफ सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस षड्यंत्र में सभी दल शामिल हैं इसलिए ठोस तरीके से कोई किसी का विरोध नहीं कर रहा। धरातल पर जनता से कट चुकी यह पार्टियां अब सोशल साइट पर उनसे जुड़ना चाहती हैं। भाजपा सरकार ने तो सभी सांसदों